जिस देश की लोकल इंटेलिजेंस यूनिट एक आईएस को अपनी काबिलियत समझा सकती हैं वहाँ की राष्ट्रीय सुरक्षा और गुप्त एजेंसियां दाउद इब्राहिम या सईद की खबर नहीं लगा सकती। आज तक वही तस्वीरें हं दाऊद की जो मैं बचपन से टीवी पर देख रहा हूँ। लड़का अब भी जवान लगता है।
......देखा मैंने कहा था ना.....
यही मौका ढूंढते हैं हम....
सरकार नहीं.... बाबा बंगाली की दूकान चलाते हैं हमारे नेता।
पुड़िया का रंग बदला है... चूरन तो अब भी वही है।
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वंदे मातरम! बना वन डे मातरम!.... लो फिर आई एक दिन की छूटी...अच्छा है इस बार इतवार नहीं हैं 15 अगस्त को!
यही तो रह गया है- अपने स्टूडेंट्स से भाषण दिलवा लूँगा- लिखवा लूँगा कुछ, या फिर अपना ज्ञान झाड़ दूंगा- कोस लूँगा आज की पीढ़ी को या तारीफ कर लूँगा- होगा ये सब 14 अगस्त या उस से पहले ही- देश तो मैं हूँ- मैं जिसमें ख़ुश मेरा देश भी उसीमें...
कोने के भाव कोने से प्रेषित!
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भारत का राष्ट्रवाद एक पैदाइशी प्रवृति से ग्रस्त है।
इसे बस दुश्मन का सफाया चाहिए! हाँ मगर-करना कुछ नहीं है।
"हर समस्या के समाधान के लिए मिलें"वाली सोच। तूने-मैंने-उसने...
किसने-कब-क्यूँ....
ऐसे कैसे...
बस यही चलता है।
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......देखा मैंने कहा था ना.....
यही मौका ढूंढते हैं हम....
सरकार नहीं.... बाबा बंगाली की दूकान चलाते हैं हमारे नेता।
पुड़िया का रंग बदला है... चूरन तो अब भी वही है।
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वंदे मातरम! बना वन डे मातरम!.... लो फिर आई एक दिन की छूटी...अच्छा है इस बार इतवार नहीं हैं 15 अगस्त को!
यही तो रह गया है- अपने स्टूडेंट्स से भाषण दिलवा लूँगा- लिखवा लूँगा कुछ, या फिर अपना ज्ञान झाड़ दूंगा- कोस लूँगा आज की पीढ़ी को या तारीफ कर लूँगा- होगा ये सब 14 अगस्त या उस से पहले ही- देश तो मैं हूँ- मैं जिसमें ख़ुश मेरा देश भी उसीमें...
कोने के भाव कोने से प्रेषित!
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भारत का राष्ट्रवाद एक पैदाइशी प्रवृति से ग्रस्त है।
इसे बस दुश्मन का सफाया चाहिए! हाँ मगर-करना कुछ नहीं है।
"हर समस्या के समाधान के लिए मिलें"वाली सोच। तूने-मैंने-उसने...
किसने-कब-क्यूँ....
ऐसे कैसे...
बस यही चलता है।
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